1 जनवरी 2025 से SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा के खाताधारकों के लिए जरूरी सूचना

1 जनवरी 2025 से भारतीय बैंकों में कुछ अहम बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका असर देश के लाखों खाताधारकों पर पड़ेगा। अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), या बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के खाताधारक हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इन बैंकों ने ग्राहकों के लिए कुछ नई नीतियों और नियमों की घोषणा की है, जिनका पालन 1 जनवरी 2025 से अनिवार्य होगा।

आइए, हम जानते हैं कि इन बदलावों से खाताधारकों पर क्या असर पड़ेगा और आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा।

SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा में बदलाव: क्या है जरूरी सूचना?

1 जनवरी 2025 से SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा अपने खाताधारकों के लिए कुछ नई सेवाओं, शुल्कों और प्रक्रियाओं को लागू करने जा रहे हैं। इन बदलावों का उद्देश्य बैंकिंग अनुभव को और अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।

1. नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग से जुड़ी नई नीति

इन बैंकों ने अपने नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग प्लेटफॉर्म में कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब आपको अपने बैंकिंग खाते के सभी ट्रांजेक्शन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (two-factor authentication) का पालन करना होगा। इसका मतलब है कि अब आपको ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने से पहले अतिरिक्त सुरक्षा कोड डालने होंगे, जो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर भेजे जाएंगे।

इस बदलाव से आपको ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी और आपके वित्तीय लेन-देन सुरक्षित रहेंगे। साथ ही, बैंक आपको नियमित रूप से अपनी सुरक्षा प्रक्रिया को अपडेट करने के लिए प्रेरित करेंगे।

2. चेकबुक और डेबिट कार्ड पर शुल्क में बदलाव

SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा ने चेकबुक और डेबिट कार्ड से संबंधित शुल्कों में बदलाव की घोषणा की है। 1 जनवरी 2025 से इन बैंकों में निम्नलिखित बदलाव हो सकते हैं:

  • चेकबुक पर शुल्क: अब चेकबुक की संख्या बढ़ने पर शुल्क लिया जाएगा। कुछ बैंकों में यह शुल्क प्रति चेक बुक ₹50 से ₹100 तक हो सकता है। यदि आपको एक निश्चित संख्या से अधिक चेकबुक की आवश्यकता होती है, तो आपको अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा।
  • डेबिट कार्ड पर शुल्क: डेबिट कार्ड पर कुछ बदलाव किए जा रहे हैं, जिसमें कुछ सुविधाओं के लिए शुल्क लिया जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि आपका डेबिट कार्ड एटीएम से अधिकतम लेन-देन की सीमा से अधिक ट्रांजेक्शन करता है, तो आपको शुल्क का सामना करना पड़ सकता है।

3. खाते के न्यूनतम बैलेंस और शुल्क

SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा में अब खातों पर न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना आवश्यक होगा। इन बैंकों ने खाताधारकों के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत यदि आप अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो आपको पेनल्टी शुल्क देना होगा। यह शुल्क आपके खाते की श्रेणी और खाते में रखे गए न्यूनतम बैलेंस पर निर्भर करेगा।

न्यूनतम बैलेंस रखने के नियम कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:

  • एसबीआई (SBI): एसबीआई में आमतौर पर एक सामान्य सेविंग्स अकाउंट में ₹3,000 का न्यूनतम बैलेंस रखना होता है। यदि आपके खाते में यह बैलेंस कम होता है, तो ₹15 से ₹50 तक का पेनल्टी शुल्क लिया जा सकता है।
  • PNB: पंजाब नेशनल बैंक में भी उसी तरह की पेनल्टी नीति लागू की जा रही है, जहां खाते में पर्याप्त बैलेंस न होने पर ग्राहक से शुल्क लिया जाएगा।
  • बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB): बैंक ऑफ बड़ौदा में भी अब न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होगा। यदि आपके खाते में निर्धारित न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो आपको ₹50 से ₹100 तक का पेनल्टी शुल्क देना होगा।

4. कैश विड्रॉअल और ट्रांजेक्शन पर नई लिमिट

SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा ने ग्राहकों के लिए अपनी कैश विड्रॉअल और अन्य ट्रांजेक्शन लिमिट में बदलाव किए हैं। इन बैंकों में 1 जनवरी 2025 से कुछ बैंकिंग सेवाओं की लिमिट बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इसके साथ ही कुछ सेवाओं के लिए शुल्क भी बढ़ सकता है।

यदि आप अपने खाते से एक माह में कई बार ₹10,000 से अधिक की राशि निकालते हैं, तो बैंक शुल्क ले सकते हैं। इसके अलावा, एटीएम से किए जाने वाले मुफ्त ट्रांजेक्शन की संख्या में भी बदलाव हो सकता है।

5. डिजिटल लेन-देन पर अधिक फोकस

बैंक अब अधिक से अधिक डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। 1 जनवरी 2025 से इन बैंकों में डिजिटल भुगतान जैसे यूपीआई (UPI), मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग के माध्यम से किए गए लेन-देन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन माध्यमों से किए गए लेन-देन पर शुल्क कम हो सकता है, और कुछ मामलों में यह पूरी तरह से मुफ्त भी हो सकता है।

खाताधारकों के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?

  1. न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें: 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले नए नियमों को ध्यान में रखते हुए अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें, ताकि पेनल्टी शुल्क से बच सकें।
  2. नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सुरक्षा: अपनी ऑनलाइन बैंकिंग को सुरक्षित रखने के लिए दो-स्तरीय प्रमाणीकरण को सक्रिय करें और नियमित रूप से अपने पासवर्ड को अपडेट करें।
  3. समान्य सेवाओं का उपयोग करें: बैंकिंग सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन लेन-देन का अधिक उपयोग करें। इससे न केवल आपको शुल्क बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह आपके लेन-देन को और सुरक्षित भी बनाएगा।
  4. चेकबुक और डेबिट कार्ड का सही उपयोग करें: चेकबुक और डेबिट कार्ड का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि इसके लिए अतिरिक्त शुल्क से बचने के लिए आपको आवश्यकतानुसार ही इन सेवाओं का उपयोग करना चाहिए।

निष्कर्ष

1 जनवरी 2025 से SBI, PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं, जिनका असर लाखों खाताधारकों पर पड़ेगा। इन बदलावों में नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सुरक्षा, चेकबुक और डेबिट कार्ड शुल्क, न्यूनतम बैलेंस पर शुल्क, और डिजिटल लेन-देन के नियमों में बदलाव शामिल हैं। इन सभी बदलावों से बचने के लिए खाताधारकों को जरूरी कदम उठाने होंगे, जैसे कि न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना, ऑनलाइन बैंकिंग का सुरक्षित उपयोग करना और शुल्कों के बारे में पूरी जानकारी रखना।

अपने बैंक खाते से जुड़ी सभी जानकारियों को समय-समय पर अपडेट करें और इन बदलावों से प्रभावित होने से पहले अपनी बैंकिंग योजनाओं को सही दिशा में बदलें।

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