पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ी खबर! 1 अक्टूबर से Saving Acoount पर नया नियम, यह से जाने वरना पछताओगे

पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ी खबर: पंजाब नेशनल बैंक के नए नियम के अनुसार, अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर ग्राहकों को शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. किसी ग्राहक के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 50% से कम हो जाता है, तो शुल्क भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगा. बैंक ने अपने नए नियम में लॉकर रेंट में भी बदलाव किया है.।

अगर आपके पास भी PNB बैंक में खाता है तो आप सभी के लिए पीएनबी बैंक से जुड़ी खबर से अपडेट रहना ज़रूरी है।

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पंजाब नेशनल बैंक जुड़ी खबर 

देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) के लाखों ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. वह यह है कि पंजाब नेशनल बैंक अपने नियमों में कुछ बदलाव कर दिया है, जिसके चलते आपकी जेब पर बोझ बढ़ जाएगा. बैंक का यह नया नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएगा.

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सेविंग अकाउंट्स के सर्विस चार्ज में बदलाव

अंग्रेजी की वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक ने सेविंग अकाउंट्स से जुड़ी जरूरी सेवाओं पर लगने वाले शुल्क में बदलाव कर दिया है. इस बदलाव के बाद सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना बेहद जरूरी है. इसके अलावा, डिमांड ड्राफ्ट बनाने और जारी करने पर लगने वाले शुल्क, चेक निकासी पर लगने वाले शुल्क, रिटर्न कॉस्ट और लॉकर रेंट चार्ज में बदलाव किया है. खास बात है कि अगर किसी ग्राहक के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रहेगा, तो नए नियम के अनुसार, उस महीने उस पर बैंक की ओर से शुल्क लगा दिया जाएगा.

ग्रामीण क्षेत्रों में मिनिमम बैलेंस 500 रुपये रखना जरूरी

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोई ग्राहक ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है और उसका पंजाब नेशनल बैंक के ग्रामीण इलाके वाली शाखा में खाता है, तो उसे अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस के तौर पर 500 रुपये रखना बेहद जरूरी है. अर्द्ध-शहरी शाखा वाले ग्राहकों को 1000 रुपये, शहरी और महानगरों की शाखा में खाता खोलने वाले ग्राहकों को अपने अकाउंट में 2000 रुपये का मिनिमम बैलेंस रखना आवश्यक है.

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मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर लगेगा शुल्क

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर ग्राहकों को शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. ग्रामीण क्षेत्र की शाखाओं में किसी ग्राहक के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 50% तक रहता है, उसे हर महीने 50 रुपये देने होंगे. अर्द्ध-शहरी शाखा के ग्राहकों को 100 रुपये हर महीने, शहरी और महानगरों की शाखाओं में खाता खुलवाने वाले ग्राहकों को 250 रुपये हर महीने शुल्क का भुगतान करना होगा.

मिनिमम बैलेंस 50% से कम रहने पर बढ़ जाएगा चार्ज

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी ग्राहक के अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 50% से कम हो जाता है, तो शुल्क भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगा. अकाउंट में मिनिमम बैलेंस 6% कम रहने पर ग्रामीण इलाकों में 1 रुपये और अधिकतम 80 रुपये तक चला जाएगा. अर्द्ध-शहरी इलाकों में 1 रुपये से अधिकतम 60 रुपये, शहरी और महानगरों में 5% और कम होने पर 1 रुपया और अधिकतम 100 रुपये शुल्क में बढ़ोतरी हो जाएगी.

चेक वापस करने पर देने होंगे 300 रुपये

नियमों में बदलाव होने पर सेविंग अकाउंट में पैसे नहीं होने की स्थिति कोई चेक वापस लौटता है, तो 300 रुपये प्रति चेक की दर से पैसे देने होंगे. चालू खाता, कैश लोन और ओवड्राफ्ट के लिए वित्त वर्ष में पहले तीन चेक लौटने की स्थिति में 300 रुपये प्रति चेक और चौथे चेक के लौटने पर 1000 रुपये भुगतान करने होंगे.

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