Rajasthan New District: राजस्थान में कितने जिले रहेंगे 31 अगस्त को तय होगा 17 नए जिलों का भविष्य, जानें संपूर्ण जानकारी

Rajasthan New District: अगर आप भी राजस्थान के नागरिक है तो आप सभी को झटका लग सकता है सरकार के द्वारा बनाए गए जिलों को लेकर बड़ा फ़ैसला ले सकती है।

Rajasthan New District Latest News: दरअसल सरकार के द्वारा बहुत बार नए जिलों को लेकर आपत्ति नजर आई है। इसलिए सरकार के द्वारा राजस्थान के 17 नए जिलों का भविष्य को लेकर क्या 30 अगस्त को इस पर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। सरकार ने इस संबंध में मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया है, जिसे पूर्व आईएएस ललित के. पंवार की अध्यक्षता में समीक्षा के लिए एक कमेटी का सहयोग भी मिला है।

Rajasthan New District Latest Update 

डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति ने नए जिलों की समीक्षा के लिए काम किया है। पूर्व आईएएस ललित के. पंवार की अध्यक्षता में बनी समीक्षा समिति की रिपोर्ट तैयार हो गई है, जिसे 30 अगस्त तक सरकार को सौंप दिया जाएगा। 31 अगस्त को सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी कि नए जिलों में से कितनों को रखा जाएगा और कितनों को समाप्त किया जाएगा।

पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार की ओर से 19 नए जिलों का गठन किया गया था, जिस पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया था। भाजपा का कहना था कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे जिले बनाए जो भौगोलिक दृष्टि से उचित नहीं थे। उदाहरण के तौर पर जयपुर और जोधपुर के दो-दो हिस्से करना और दूदू जैसे छोटे इलाके को जिला बनाना, भाजपा के अनुसार ये समझ से परे था। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि कुछ नए जिले राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर जिला होने के मापदंड को पूरा नहीं करते।

ये नए संभाग और जिले हुए थे स्थापित

कांग्रेस सरकार ने अपने आखिरी बजट में 3 नए संभाग बनाए थे, जिनमें पाली, बांसवाड़ा और सीकर शामिल हैं। साथ ही 19 नए जिलों में जयपुर और जोधपुर के दो-दो हिस्से किए गए थे, जिससे कुल 17 नए जिले अस्तित्व में आए थे। इन जिलों में गंगापुर सिटी, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, दूदू, केकड़ी, ब्यावर, कुचामन-डीडवाना, शाहपुरा, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, बालोतरा, सांचौर, अनूपगढ़, सलुंबर, नीम का थाना और डीग-कुम्हेर शामिल हैं।

सभी की नजरें फैसले पर

भजनलाल सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। राज्य की जनता और राजनीतिक विश्लेषक इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं कि क्या 17 नए जिलों का अस्तित्व बरकरार रहेगा या उन्हें समाप्त कर दिया जाएगा।

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